| शब्द का अर्थ | 
					
				| उपवक्ता (क्तृ)					 : | पुं० [सं० उप√वच् (बोलना)+तृच्] यज्ञ का पर्यवेक्षण करनेवाला। ऋत्विज्। वि० प्रेरणा करनेवाला। प्रेरक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उपवक्ता (क्तृ)					 : | पुं० [सं० उप√वच् (बोलना)+तृच्] यज्ञ का पर्यवेक्षण करनेवाला। ऋत्विज्। वि० प्रेरणा करनेवाला। प्रेरक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |